
लखनऊ : अपने आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार को झंझोड़ कर आरक्षण हासिल करने की जुगत में लगे उत्तर प्रदेश-हरियाणा के जाटों को अब समर्थन मिलना भी शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने जाट समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन का समर्थन कर केंद्र को इनकी मांग पर विचार करने की सलाह दे डाली है।
आज लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहीं सीएम ने कहा कि केंद्र को इस पर विचार करके जाटों को आरक्षण देना चाहिए। वहीं उन्होंने जाटों से आग्रह किया कि वह लोग दिल्ली में जाकर केंद्र सरकार का घेराव करें, न कि अपने ही प्रदेश में कानून-व्यवस्था को खराब करें। मुख्यमंत्री के इस बयान ने जाटों की उम्मीदों में चार चांद लगा दिये हैं।
मुख्यमंत्री की इस बात से गदगद हुए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि, हम मुख्यंत्री का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने हमारी मांग का समर्थन किया है। हमारा यूपी सरकार से कोई संघर्ष नहीं है। हम केंद्र से आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार की किसी संपत्ति या कानून व्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। जाट समुदाय कल दिल्ली की तरफ कूच करेगा।
गौरतलब है कि जाट आंदोलनकारियों द्वारा की जा रही आरक्षण की मांग पर सरकार को दिया गया अल्टीमेटम आज गुरुवार को खत्म हो गया। जिसके बाद जाटों ने आंदोलन तेज कर दिया है। गुरुवार को छठे दिन भी आंदोलन जारी रहा और पश्चिम यूपी से हिसार तक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
इस बगावत से उत्तर प्रदेश और हरियाणा से गुजरने वाली ट्रेनों सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रही है। सबसे पहली और बड़ी क्षति ये हुई है कि यात्री ट्रेन और मालगाड़ी की आवाजाही ठप पड़ने के कारण खेदड़ का थर्मल प्लांट बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। ऐसा होने की स्थिति में बड़े इलाके की बत्ती भी गुल हो जाएगी। जाटों का आरक्षण की मांग के आंदोलन में अब हर उम्र के लोगों को शामिल किया जा रहा है। आंदोलनकारियों ने हिसार-जयपुर रेलवे ट्रैक को पूरी तरह से जाम कर दिया। जिसका असर रेल सेवाओं पर पड़ा।
जाट नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है, इसलिए आंदोलन जारी रहेगा। यही नहीं जाट प्रदर्शनकारी दिल्ली का पानी रोकने और मथुरा रिफायनरी से तेल की आपूर्ति भी रोकने की तैयारी में लगे हुए है।
आंदोलन के कारण मुरादाबाद डिवीजन और भिवानी-हांसी सेक्शन पर रेल मार्ग ठप पड़ गया है। इस रूट पर गुरुवार को 30 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। दिल्ली, बरेली और सहारनपुर की तरफ जाने वाली ट्रेनें इसकी चपेट में आई हैं।
आंदोलन की वजह से 17 ट्रेनों को मंजिल से पहले ही रोक दिया गया है। जयपुर, श्रीगंगानगर, रेवाड़ी और भिवानी रूट की ट्रेनों पर इसका असर पड़ा है। इसके अलावा 26 ट्रेनों के रूट भी बदले गए हैं। शुक्रवार 11 मार्च को भी हजरत निजामुद्दीन-अंबाला कैंट पैसेंजर और भुज-बरेली अल हजरत एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
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