
नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बाबरी विध्वंस मामले में अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि इस घटन से भाजपा की छवि खराब हुई। उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा कि इससे पार्टी की विश्वसनीयता पर बहुत बुरा असर पड़ा। आडवाणी ने 1992 में बाबरी विध्वंस घटनाक्रम को भाजपा की छवि के लिए नुकसानदायक बताया।
विध्वंस के दो हफ्ते बाद एक अखबार में अपने लेख को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने घटना वाले दिन को तब भी अपनी जिंदगी का सबसे बुरा दिन बताया था।’ हालांकि, उन्होंने अपनी टिप्पणी में आगे जोड़ा कि उन्हें गर्व है कि वे अयोध्या आंदोलन का हिस्सा रहे। लेकिन इस बात का दु:ख है कि पार्टी ने विश्वसनीयता खो दी।
इसके साथ-साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सीवीसी नियुक्ति मामले में यूपीए सरकार पर हमला बोलने से भी नहीं चूके। उनके मुताबिक मनमोहन सिंह सरकार की विश्वसनीयता तार-तार हो गई है। सरकार ने घोटालेबाजों पर लगाम कसने की जिम्मेदारी पूरी तरह छोड़ दी है। आडवाणी ने अपने ब्लॉग ये विचार जताए हैं।
उन्होंने लिखा है कि चाहे वह थॉमस का मामला हो या राजा, हसन अली अथवा फिर कॉमनवेल्थ गेम्स अधिकारियों का, सरकार के बजाय सुप्रीम कोर्ट ने ही कार्रवाई की। उन्होंने सभी गड़बड़ियों के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भी जिम्मेदार ठहराया। भाजपा नेता के मुताबिक, इन घोटालों ने सरकार की नाकामी से ज्यादा नैतिक पतन को उजागर किया है। आडवाणी ने अपनी टिप्पणी में गृहमंत्री चिदंबरम की बात का भी सहारा लिया। इसमें उन्होंने कुछ दिन पहले सरकार से नैतिकता के मामले में गंभीर चिंतन की मांग की थी।
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