Monday, March 7, 2011

अमेरिका: धर्मगुरू, लडकियों से छेडछाड के दोषी क़रार


वॉशिंगटन : आए दिन अब इन पाखंडी बाबाओं और धार्मिक गुरूओं की काली करतूतों से पर्दा उठने लगा है। अब ताज़ा मामला अमेरिका का है जहां एक हिंदू धर्मगुरू ने गुरू की मर्यादा को तार-तार कर ’धर्मगुरू’ के शब्द पर एक बदनुमा दाग़ लगा दिया है। अमेरिका के बड़े हिंदू धार्मिक स्थलों में गिने जाने वाले एक आश्रम के प्रमुख गुरु प्रकाशनंद सरस्वती को दो युवतियों के साथ छेड़छाड़ का दोषी करार दिया गया है।

बरसाना धाम नामक इस आश्रम में इन युवतियों के परिवार के लोग सेवा कार्य करते थे और वे इसी आश्रम में रहते थे। ऑस्टिन में बना बरसाना धाम 200 एकड़ में फैला है और अमेरिका के कोने-कोने से हिंदू यहां आते हैं। प्रकाशनंद को उनके भक्त श्री स्वामीजी के नाम से पुकारते हैं। लेकिन प्रकाशनंद ने लोगों की आस्था से खिलवाड किया है।

स्वामी प्रकाशनंद का शोषण के आरोपों से पुराना रिश्ता रहा है। 30 साल की श्यामा रोज और 27 साल की वेसला काजीमेर ने कहा कि पिछले सालों में कई मौकों पर उनका शोषण करने की कोशिश की। दोनों युवतियों का कहना है कि जब वे 12 साल की थीं, जब से स्वामी जी उनसे छेड़छाड़ की कोशिश करते रहे हैं। दोनों की शिकायत पर अप्रैल, 2008 में गिरफ्तार होने के बाद प्रकाशनंद सरस्वती को एक मिलियन (10 लाख) अमेरिकी डॉलर के बॉन्ड पर रिहा किया गया था। 31 साल की एक और महिला कैट टॉनेसन ने भी हाल में प्रकाशनंद सरस्वती पर ऐसे ही आरोप लगाए थे।

स्वामी को छेड़छाड़ का दोषी करार दिए जाने के बाद आश्रम से जुड़े लोग काफी हैरत में हैं। बरसाना धाम के प्रवक्ता अमन अग्रवाल ने कहा हमें इस फैसले से निराशा हुई है। हम जानते हैं कि स्वामी जी निर्दोष हैं। यह कानूनी प्रक्रिया का अंत नहीं है। इस मामले में आज यानी सोमवार को सजा पर फैसला होना है। धर्मगुरू को 20 साल की अधिकतम सजा हो सकती है।

इस घटना ने पूरी दुनिया में लोगों को सुख शांति का पाठ पढ़ा रहे हिंदू धर्मगुरूओं को शक़ के दायरे में ला खडा किया है। ऐसी घटनाओं क कारण अब दुनिया भर में स्थित हिंदू आश्रमों को शक़ की नज़रों से देखा जाने लगेगा। ऐसी घटनाओं से लोगों की आस्था को भारी ठेस पहुंचती है।

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