
यमन की राजधानी सनाह में शनिवार को दोपहर की नमाज के बाद राष्ट्रपति से इस्तीफ़े की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षा बलों की गोलियों का निशाना बनना पड़ा। राष्ट्रपति अब्दुल्लाह अली के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लियेस एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों और सरकार समर्थक लोगों द्वारा अंधाधुंध गोलीबारी की गई। इस कार्रवाई में कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई और 300 से अधिक जख्मी हो गए। इस घटना के बाद सरकार ने देश में आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी।
इस घटना पर अपनी सफ़ाई पेश करते हुए राष्ट्रपति अब्दुल्लाह अली सालेह ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मौके पर पुलिस मौजूद नहीं थी और न ही उसने गोली चलाई। यह गोलीबारी नागरिकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई।
सरकारी सूत्रों के अनुसार मरने वालों की संख्या केवल 25 ही है जबकि सनाह विश्वविद्यालय के निकट प्रदर्शनकारियों के शिविर के पास बने अस्थाई अस्पताल के डाक्टर ने गोलीबारी में मरने वालों की संख्या 52 बताई। उसने यह भी बताया कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है और घायलों में कई की हालत गंभीर है।
यह गोलीबारी उस समय शुरू हुई जब प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगो के समर्थन में जुलूस निकालने का प्रयास किया। यह लोग सैकडों की संख्या में थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर जले हुए टायरों का धुंआ भरा हुया है और जहां तहां खून बिखरा हुआ है।
ग़ौरतलब है कि आंदोलनकारी राष्ट्रपति अब्दुल्लाह अली सालेह के त्यागपत्र और देश में लोकतंत्र की स्थापना और संवैधानिक सुधारों की मांग कर रहे हैं। सालेह का कार्यकाल 2013 में खत्म हो रहा है और उन्होनें कहा है कि इसके बाद अपना पद छोड़ देंगे। लेकिन प्रदर्शनकारी इससे संतुष्ट नहीं है और वे उनकी तुरंत विदाई चाहते हैं। वह पिछले 32 साल से सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर हैं।
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