
नई दिल्ली: यौन शोषण मामले में एम्स के आरोपी डॉक्टर को पेशेवर लाइसेंस जांच समिति द्वारा निलंबित कर दिया गया है। डॉक्टर पर ब्रेन ट्यूमर का इलाज कराने आए एक बच्चे के साथ दुराचार करने का आरोप था। बच्चे के पिता द्वारा अस्पताल में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद अस्पताल प्रशासमन ने मामले की जांच की। आरोपी डॉक्टर के दोषी पाये जाने के बाद उसका प्राईवेट प्रैक्टिस का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
पीड़ित बच्चा 18 जनवरी को ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था, जहां उसका 20 जनवरी को ऑपरेशन किया गया था। बच्चे को चार दिन बाद छुट्टी मिलनी थी लेकिन 24 जनवरी को बच्चे के पिता ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की कि उसके बेटे का 23 जनवरी की रात को यौन शोषण किया गया।
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, कि "घटनास्थल पर मौजूद सबूतों और जांच के बाद यह आरोप सही पाया गया है। इसलिये उस डॉक्टर का प्राइवेट प्रैक्टिस लाइसेंस रद्द करने के साथ ही उसका मास्टर्स ऑफ चिरुरजिकल डिग्री का पंजीकरण भी रद्द कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह समिति आज एम्स के अधिकारियों को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप देगी।
गौरतलब है कि पुलिस ने सोमवार को आरोपी डॉक्टर श्रीजय पी. जोसुआ के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उस पर मरीज का यौन उत्पीड़न का आरोप है। शिकायत में कहा गया कि आरोपी डॉक्टर आईसीयू में भर्ती पीड़ित को ड्यूटी रूम में लेकर गया था और उसी दौरान उसने उसके साथ दुराचार किया।
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