
कंपनिया अपने उत्पादों को बेचने के लिये तरह तरह के हथकंड़े अपनाती है जिनका कई बार कंपनियों को बहुत फायदा मिलता है।
कई सालों तक देश में च्यवनप्राश की बिक्री स्थिर हो गई थी लेकिन अब बॉलीवुड और क्रिकेट ने मिलकर इसे कई गुना बढ़ा दिया है। फूड सप्लीमेंट के विज्ञापन में क्रिकेटरों और बॉलीवुड कलाकारों की भरमार है। जहां एक तरफ तो शाहरूख खान और रवि किशन हैं तो वहीं दूसरी ओर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी लोगों से कंपनियों के उत्पाद खरीदने का आग्रह करते दिखाई देते हैं। इन सबके विज्ञापनों का असर यह हुआ कि देश में च्यवनप्राश की बिक्री में 25 प्रतिशत का उछाल आया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे आर्युवेदिक प्रॉडक्ट में युवा पीढ़ी की दिलचस्पी भी बढ़ रही है।
च्यवनप्राश की बिक्री देश में सालाना 400 करोड़ रुपए की होती है और इसमें 25 प्रतिशत का इजाफा होना बड़ी बात है क्योंकि दस सालों तक इसकी बिक्री में काफी सुस्ती रही। इस प्रॉडक्ट की मार्केटिंग में वैसे तो कई खिलाड़ी हैं लेकिन डाबर और इमामी दो बड़े खिलाड़ी दो हैं जिन्होंने जबर्दस्त प्रचार का सहारा लेकर इसका फायदा उठाया है। डाबर ने च्यवनप्राश के दो वैरियंट पेश करके बाज़ार पर मजबूत पकड़ बना ली और इस बाज़ार के 70 प्रतिशत पर कब्जा कर लिया है। इन कंपनियों ने लोगों में आयुर्वेदिक उत्पादों के प्रति बढ़ती हुई जागरूकता का अच्छी तरह फायदा उठाकर इसे बड़े विज्ञापनों से मजबूती प्रदान की है।
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