
पर्यावरण मंत्रालय ने आदर्श सोसाईटी बिल्डिंग को गिराने की सिफ़ारिश की है। मंत्रालय ने इस मामले में आज अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिल्डिंग को बनाने में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया गया है।
गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय के कारण बताओ नोटिस के जवाब में मुंबई की आदर्श आवासीय सोसायटी ने सोमवार को उसके खिलाफ कार्रवाई तुरंत वापस लेने की मांग की थी। सोसाइटी ने कहा था कि उसे सभी जरूरी मंजूरियां प्राप्त थीं।
पर्यावरण मंत्रालय ने 4 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान सोसायटी से लिखित दलील भेजने को कहा था। इस दलील में वर्ष 2000 के बाद के घटनाक्रमों का जिक्र है, जब इमारत के निर्माण के लिए कदम उठाए गए थे। इसमें महाराष्ट्र सरकार से मिली 'मंजूरियों' और वर्ष 2003 में पर्यावरण मंत्रालय से मिले 'अनापत्ति प्रमाण पत्र' का भी जिक्र है।
सोसायटी की यह 31 मंजिला इमारत तब विवादों में आ गई थी जब यह पाया गया कि करगिल शहीदों के परिजनों के लिए तय किए गए इसके कई फ्लैट अन्य लोगों को आवंटित कर दिए गए जिनमें नेता, शीर्ष सैन्य अधिकारी तथा नौकरशाह शामिल थे।
इसके बाद पर्यावरण मंत्रालय ने आदर्श सोसायटी को 12 नवंबर 2010 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उससे पूछा गया था कि पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने के चलते उसकी इमारत को क्यों न गिरा दिया जाए।पर्यावरण मंत्रालय से आदर्श सोसायटी को हरी झंडी नहीं मिली। मंत्रालय ने कहा है कि इमारत के निर्माण से कोस्टल रेग्यूलेशन एक्ट, 1991 का उल्लंघन होता है, इसलिए पूरी इमारत गिरा दी जानी चाहिए।
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