रक्षा के क्षेत्र में भारत, आज एक नया इतिहास और गौरव रचने में कामयाब हुआ। सोमवार को भारतीय वायुसेना अपने बरसों पुराने परंपरागत युद्धक विमान मिग 21 की जगह पहले पूर्णत: स्वदेशी तथा सुपरसोनिक मल्टी रोल युद्धक विमान 'तेजस' को शामिल करके अपना 'तेज' बढ़ा रही है। लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के नाम से मशहूर यह एक सीट वाला विमान दुनिया का सबसे छोटा सैन्य युद्धक विमान है। पर तकनीक और प्रदर्शन के आधार पर इसे दुनिया के टॉप 8 विमानों में शामिल किया जा चुका है। मेक 1.4 की उच्चतम गति वाला यह विमान हल्का होने की वजह से बहुत फुर्तीला भी है।इसने अपनी पहली मेडन उड़ान 2005 में भरी थी। तब से अब तक इसकी 1404 टेस्ट फ्लाइट पूरी हो चुकी है। फिलहाल इसका सिंगल सीट वर्जन ही विकसित किया गया है। वैसे 1999 में रक्षा मंत्रालय 2 सीटर वाले प्रशिक्षण विमान और विमानवाहक पोत के लिए 'करियर वर्जन' को विकसित करने के लिए हरी झंडी दे चुका है।
डेल्टा प्लेनफॉर्म डिजाइन वाले इस विमान में शोल्डर मॉउंटेड विंग है। इसको हल्का पर मजबूत बनाने के लिए अल्युमिनियम, लिथियम और टाइटेनियम के मिश्रण का इस्तेमाल किया गया है। इसके कॉकपिट में नाइटविजन कॉम्पिटेबल ग्लास का उपयोग किया गया है। बेल ऑउट की स्थिति में मार्टिन बेकर की जीरो-जीरों इजेक्शन सीट पायलेट को तत्काल विमान से बाहर निकाल सकती है। इसके पायलेट के हेलमेट में भी डिस्प्ले की सुविधा है।

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