नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं लोक लेखा समिति (पीएसी) के सामने पेशी को तैयार हैं उन्होंने 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही लोक लेखा समिति (पीएसी) को आज पत्र लिखकर उसके समक्ष पेश होने की इच्छा जताई। सूत्रों ने विस्तृत ब्यौरा दिए बिना बताया कि कांग्रेस अधिवेशन में की गई घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने समिति के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को पत्र लिखकर यह पेशकश की।
मनमोहन सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह लोगों से कुछ नहीं छिपाना चाहते और अपनी प्रमाणिकता के सबूत के तौर पर उनका इरादा पीएसी के अध्यक्ष को लिखकर कहना है कि अगर समिति उन्हें पेश होने के लिए कहती है तो वह पेश होने को खुशी से तैयार हैं।
सिंह ने कहा था कि विपक्ष यह गलत प्रचार कर रहा है कि सरकार इसलिए संयुक्त संसदीय समिति से जांच नहीं कराना चाहती ताकि प्रधानमंत्री को उसके समक्ष पेश होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों से छिपाने के लिए कुछ नहीं है।
सिंह ने पत्र ऐसे दिन लिखा है जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] पीएसी के समक्ष पेश हो रहे हैं। कैग की रिपोर्ट पर ही पिछले दिनों संसद में गतिरोध बना रहा और पूरे शीतकालीन सत्र में कामकाज बाधित हुआ।
कैग की रिपोर्ट से भाजपा और वाम दलों सहित विपक्ष को एक हथियार मिल गया है और वह संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग पर जोर दे रहा है। विपक्ष का आरोप है कि यह स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला है।
कांग्रेस के महाधिवेशन में पीएसी के समक्ष पेश होने की इच्छा प्रकट कर चुके प्रधानमंत्री ने पीएसी के अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को लिखे पत्र में समिति के समक्ष उपस्थित होने की इच्छा प्रकट की। कांग्रेस महाधिवेशन के अंतिम दिन प्रधानमंत्री ने कहा था कि अभी तक कोई भी प्रधानमंत्री पीएसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ लेकिन मैं पीएसी के समक्ष उपस्थित होने को तैयार हूं।
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