मुंबई: जैसा कि माना जा रहा था अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ऒबामा की यात्रा के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की विदाई हो जायेगी वैसा ही हुआ। आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाले में फंसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने आज इस्तीफा दे दिया। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने घोटाले में सशस्त्र बलों और रक्षा संपदा अफसरों की भूमिका तय करने के लिए सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
कांग्रेस आलाकमान से निर्देश मिलने के चंद घंटों बाद चव्हाण राजभवन गए और महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकर नारायणन को इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। चव्हाण ने बीते 30 अक्टूबर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके मामले में अपना पक्ष रखा था। उन्होंने इस्तीफे की पेशकश भी की थी। आरोप है कि चव्हाण ने राज्य में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान राजस्व मंत्री के रूप में सोसायटी के लिए उपनियमों में अनेक बदलाव किए थे। इसकेबदले उनके ससुराल पक्ष के रिश्तेदारों को इसमें फ्लैट मिले। कांग्रेस ने पार्टी स्तर पर इसकी जांच के लिए प्रणव मुखर्जी और एके एंटनी की दो सदस्यीय समिति बनाई है। जांच अभी चल रही है।
इस पूरे मामले पर सीबीआई की बिंदुऒं पर जांच करेगी।
चव्हाण घोटाले के कारण इस्तीफा देने वाले महाराष्ट्र के तीसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले जनवरी, 1982 में सीमेंट घोटाले में नाम आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एआर अंतुले को पद छोड़ना पड़ा था। धन ऐंठने के एक मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी भी करार दिया था। 1986 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवाजी राव नीलंगेकर पाटिल ने अंक घोटाले के बाद इस्तीफा दे दिया था। उनकी भतीजी मेडिकल छात्रा थी। मुख्यमंत्री पर उसके अंक बढ़वाने का आरोप लगा था। इन तीनों दागी मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल दो साल से कम रहा।
कांग्रेस आलाकमान से निर्देश मिलने के चंद घंटों बाद चव्हाण राजभवन गए और महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकर नारायणन को इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया। चव्हाण ने बीते 30 अक्टूबर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके मामले में अपना पक्ष रखा था। उन्होंने इस्तीफे की पेशकश भी की थी। आरोप है कि चव्हाण ने राज्य में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान राजस्व मंत्री के रूप में सोसायटी के लिए उपनियमों में अनेक बदलाव किए थे। इसकेबदले उनके ससुराल पक्ष के रिश्तेदारों को इसमें फ्लैट मिले। कांग्रेस ने पार्टी स्तर पर इसकी जांच के लिए प्रणव मुखर्जी और एके एंटनी की दो सदस्यीय समिति बनाई है। जांच अभी चल रही है।
इस पूरे मामले पर सीबीआई की बिंदुऒं पर जांच करेगी।
चव्हाण घोटाले के कारण इस्तीफा देने वाले महाराष्ट्र के तीसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले जनवरी, 1982 में सीमेंट घोटाले में नाम आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एआर अंतुले को पद छोड़ना पड़ा था। धन ऐंठने के एक मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी भी करार दिया था। 1986 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवाजी राव नीलंगेकर पाटिल ने अंक घोटाले के बाद इस्तीफा दे दिया था। उनकी भतीजी मेडिकल छात्रा थी। मुख्यमंत्री पर उसके अंक बढ़वाने का आरोप लगा था। इन तीनों दागी मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल दो साल से कम रहा।
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