इन दिनों अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम आसमान छू रहे हैं। कच्चे तेल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से भारत की चिंता बढ़ गई है क्योंकि अगर ऐसे हालात बने रहे तो एक बार फिर से तेल कंपनियों पर पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का दबाव बढ़ जाएगा।
सोमवार को अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 85 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चला गया था। न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज के यूरोपीय इलेक्ट्रॉनिक कारोबार के दौरान कच्चे तेल के दिसंबर आपूर्ति सौदे के भाव 41 सेंट बढ़कर 85.29 डॉलर प्रति बैरल रहे। इस सौदे के भाव शुक्रवार को 2.93 डॉलर टूटकर 84.88 डालर प्रति बैरल पर बंद हुए थे।
प्रमुख तेल निर्यातक देश, सउदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री का कहना है कि अब अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों में तेल की अच्छी मांग देखी जा रही है। इसकी वजह है वहां की अर्थव्यवस्था में आ रहा सुधार। और अगर मांग में इसी तरह तेजी बनी रही तो कच्चे तेल की कीमतों में उछाल स्वाभाविक है। उनके मुताबिक आने वाले दिनों में कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने के पूरे आसार दिख रहे हैं। यहां तक की ये 100 डॉलर प्रति बैरल का स्तर भी छु ले तो ज्यादा हैरानी नहीं होगी।
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