नई दिल्ली: रेलवे के कैटरिंग स्टाफ ने एक दंपती को शाकाहारी के बजाय फिश कटलेट परोस दिया था। जिसकी वजह से रेलवे को एक फिश कटलेट की कीमत 55,500 रुपए पड़ गई। इसके खिलाफ दंपती ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़कर इस रकम को हासिल किया है।
मामला आठ साल पहले का है। मानसी गर्ग और उनके पति राजधानी एक्सप्रेस से नई दिल्ली से कोलकाता जा रहे थे। उन्होंने शाकाहारी कटलेट का ऑर्डर दिया, लेकिन कैटरिंग स्टाफ ने उन्हें फिश कटलेट लाकर दे दिया। यही नहीं, स्टाफ अड़ा रहा कि यही शाकाहारी कटलेट है। दंपती ने इसके खिलाफ दिल्ली जिला उपभोक्ता मंच का दरवाजा खटखटाया। दंपती का आरोप था कि कैटरिंग स्टाफ ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मंच ने दंपती की अर्जी को स्वीकार करते हुए उन्हें 50,000 रुपए मुआवजा और 5,000 रुपए बतौर वाद खर्च देने के आदेश रेलवे को दिए थे।
रेलवे ने इस आदेश को दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी थी। आयोग ने मंच के फैसले को बरकरार रखा। उसने वाद खर्च की राशि 500 रुपए बढ़ा दी।
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