श्रीनगर: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच अगर जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व को भी शामिल किया जाता है, तो पाकिस्तान को कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं से भी बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में केवल अलगाववादी ही अकेले नेता नहीं हैं और मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने अपना प्रतिनिधित्व साबित किया है।
मुख्यमंत्री का मानना है कि पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और अलगाववादी नेताओं के बीच नई दिल्ली में हुई बैठक के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं की पाकिस्तान के अधिकारियों से मुलाकात में कोई नई बात नहीं है। यह पहली बार नहीं हुआ है और इसे लेकर चिंता करने की भी कोई बात नहीं है।
सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने इस बात को लेकर संतोष जताया कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जम्मू-कश्मीर को लेकर विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा हुई।
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