
नई दिल्ली: 23 बच्चों को बहादुरी सम्मान से सम्मानित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा है कि हिम्मत की यह मिसाल सभी लिए प्रेरणा का स्रोत है। इनमें से दो बच्चों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया।
उन्होंने बच्चों को यह बहादुरी पुरस्कार देते हुए कहा कि देशवासियों को आप पर गर्व है और बहुत सी उम्मीदें भी। मुझे इस बात को कहने में कोई संकोच नहीं है कि ऐसे बहादुर बच्चों के साथ इस देश का भविष्य सुरक्षित है। दो बच्चों को मरणोपरांत सम्मान देते हुए उन्होंने इन बच्चों के परिजनों से कहा कि उनका योगदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, महिला और बाल कल्याण मंत्री कृष्णा तीरथ की मौजूदगी में बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इनका बलिदान और इनकी बहादुरी देश के लिए मिसाल बनेगी और दूसरों को ऐसा करने की शक्ति प्रदान करेगी। मनमोहन ने प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार केरल की 14 वर्षीय कुमारी जिस्मी को प्रदान किया। कुमारी जिस्मी ने दो बच्चों को डूबने से बचाने के दौरान अदभुत साहस का परिचय दिया था। जबकि उतराखंड के 11 वर्षीय प्रियांशु जोशी को अपनी बहन को तेंदुए से बचाने के लिए संजय चोपड़ा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं ये सभी बच्चे गणतंत्र दिवस परेड का भी हिस्सा बनेंगे।
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