
आज सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत और मद्रास हाईकोर्ट के फ़ैसले को खारिज करते हुए कहा है कि लिव इन रिलेशन से बाहर जाने पर हर महिला को गुजारा भत्ता नहीं दिया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा है कि लिव इन रिलेशनशिप में रह रही महिला अगर अपने साथी से अलग होती है तो वो भत्ते की हकदार नहीं मानी जाएगी। क्योंकि इसमें वो अपनी मर्जी से रहती है। तमिलनाडु के एक मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फ़ैसला दिया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशन में रह रही महिलाओं के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था। कोर्ट ने तब कहा था कि लिव इन में रह रहे जोड़े भविष्य मे मर्ज़ी से शादी के बंधन में बंध सकते हैं और इस आधार पर यदि वे एक दूसरे से अलग होते हैं, तो महिला को घरेलू हिंसा एक्ट के तहत गुज़ारा भत्ता मांगने का हक़ है।
No comments:
Post a Comment